डेंगू से बचाव के लिए चलाया जाए जागरूकता अभियान: डीएम

डेंगू जागरूक सप्ताह के लिए अंतर्विभागीय टास्क फोर्स की हुई बैठक

आशीष बरनवाल जनहित जागरण ब्यूरो चीफ देवरिया।

देवरिया । राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत डेंगू जागरूकता सप्ताह के लिए सीएमओ कार्यालय के धन्वंतरि सभागार में मंगलवार को अंतर्विभागीय टास्क फोर्स की बैठक हुई । बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने की। इस दौरान 12 से 18 अगस्त तक मनाये जाने वाले डेंगू जागरूकता सप्ताह के लिए कार्ययोजना बनाई गई। डीएम ने सभी सीएचसी व पीएचसी के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया।


बैठक के दौरान जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने कहा कि डेंगू से बचाव के लिए कार्य योजना तैयार कर अमल में लाया जाए। सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से विशेष जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को इससे बचाव के लिए जागरूक किया जाए। नगर, कस्बों, गांवों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड कहीं भी जल भराव की स्थिति न उत्पन्न होने दें। इसके अलवा टायर की दुकानों, नारियल पानी के फेंके गए गोले को निगरानी करके साफ-सफाई कराएं। इसके लिए जिला पंचायत राज अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी आपस में सामंजस्य बनाकर लोगों को जागरूक करें, जिससे किसी भी दशा में यह बीमारी जिले में उत्पन्न न होने पाए। उन्होंने ने कहा कि नगर से लेकर गांवों तक जहां पानी इकट्ठा हो रहा है, वहां फॉगिंग की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग, नगर पंचायत व पालिका आपस में सामंजस्य बनाकर सुनिश्चित कराएं। जलजमाव की स्थिति पाई जाती है तो वहां पर ग्राम पंचायत निधि से पानी सोखने के लिए सोख्ता का निर्माण कराया जाए।


उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि वह अपने अध्यापकों के माध्यम से स्कूलों में बच्चों को डेंगू से बचाव के बारे में जागरूक करें।
सीएमओ डॉ राजेश झा ने बताया कि महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज सम्बद्ध जिला चिकित्सालय में मच्छरदानी युक्त 20 बेड और सभी सीएचसी पर पांच बेड का वार्ड तैयार किया गया है। सीएमओ ने बताया कि मेडिकल कालेज सहित सभी सीएचसी, पीएचसी और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर दवाओं के साथ डेंगू की जांच किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसके अलावा नगर और ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से आशा कार्यकर्ताओं की टीम बनाई गई है, जो जुलाई से नवंबर तक क्षेत्र में लोगों के घर-घर जाकर उन्हें डेंगू के प्रति जागरूक कर रहे हैं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के वार्डों में एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव कराया जा रहा है।
मंडलीय सामन्यव टास्क फोर्स डॉ बीके श्रीवास्तव ने बताया कि तेज बुखार के साथ तेज सिर दर्द, मांसपेशियों, जोडों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, शरीर पर लाल चकते होना, गंभीर अवस्था में नाक, मसूडों से खून आना डेंगू बुखार के लक्षण हैं। बुखार के दौरान मरीज को लगातार अधिक से अधिक पानी, फल का जूस, चावल का पानी, ओआरएस का घोल लेना चाहिए।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पाण्डेय , एडीएम प्रशासन गौरव श्रीवास्तव, डीपीआरओ सर्वेश पाण्डेय, बीएसए शालिनी श्रीवास्तव, सीएमएस डॉ एचके मिश्रा, नोडल अधिकारी वेक्टर बार्न डिजिज कंट्रोल प्रोग्राम डॉ हरेंद्र कुमार, जिला मलेरिया अधिकारी सीपी मिश्रा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

डेंगू से बचाव के उपाय

-मच्छर से बचने के लिए फुल आस्तीन के कपडे पहने, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, सोते समय मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती, रैपिलेंट आदि का उपयोग करें

-घर के आस-पास गड्ढों में पानी जमा न होने दें, यदि पानी की निकासी संभव न हो तो जला हुआ ऑइल अथवा मिट्टी का तेल डाल दें, घर में पानी से भरे हुए वर्तन टंकी, मटका, बाल्टी आदि को अच्छी तरह ढंक कर रखें।

-घर के अंदर रखे कूलर, टंकी, मटका, बाल्टी आदि का पानी तीन से चार दिन में बदलते रहे तथा सुखा कर ही दुबारा भरे, पानी में छोटे-छोटे कीड़े (लार्वा) दिखाई दे तो सूखी जगह पर पानी को फैला दें।
-परिवार के किसी व्यक्ति को डेंगू बुखार आता है तो उसे अनिवार्य रूप से मच्छरदानी में ही सुलाएं, अन्यथा घर के अन्य सदस्य को डेंगू का संक्रमण हो सकता है।

-डेंगू होने की स्थिति में (हृदय रोगियों को छोड़कर) कभी भी एस्पिरिन, ब्रूफेन या स्टेरॉयड न खाए।

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