नगर पंचायत मेहदावल की दुर्दशा फाइलों में उलझी हुई नजर आती है कैसे हो विकास जब ई ओ और अध्यक्ष बिना कमीशन के नहीं है करते कोई काम पहले कमीशन की बात होती है फिर फाइलों को मगाया जाता है फिर फाइलों को कमीशन ना मिलने पर वापस कर दिया जाता है।
और बिना कमीशन के ना किसी के पेमेंट की बात होती है ना कोई पेमेंट की बात करता है आधे अधूरे विकास को लेकर के पेमेंट पूरा कर लिया जाता है जिसमें ई ओ पंकज कुमार से बात करने पर कई बार प्रयास करने पर भी उनका द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है।
इस वजह से समस्याएं दिन पर दिन लगातार बढ़ती जा रही है विकास के नाम पर अपने को ठगा महसूस कर रहा है नगर पंचायत मेहदावल नगर पंचायत में बड़ी मुश्किल से हो पता है काम।
बिना लेनदेन की बात किए बिना नहीं होती कोई व्यवस्था दिन भर अध्यक्ष के प्रतिनिधि के सलाहकार और दलालों से भरा रहता है नगर पंचायत मेहदावल नाम न उजागर करने की शर्त पर वहां के एक कर्मचारी ने बताया कि हम लोगों से काम जबरदस्ती करते हैं चेयरमैन प्रतिनिधि के लोग।
सूत्रों की माने तो जनप्रतिनिधि एवं सरकारी अफसर को कौन सा पारस पत्थर मिल जाता है जिसके बल पर वह करोड़ और अर्बन का साम्राज्य खड़ा कर लेते हैं जिसकी जांच शासन और प्रशासन स्तर पर होनी चाहिए और जो भी व्यक्ति इस धंदली में लिप्त मिलते हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई जिला प्रशासन करे जिससे जनता का पैसा जनता के विकास में लगे और एक स्वच्छ सुंदर मेहदावल का सपना साकार हो।