ऋषि का सद्साहित्य सन्मार्ग में चलने की शक्ति प्रदान करता है’’

गायत्री ज्ञान मंदिर का ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत में 413वाँ युगऋषि वाङ्मय की स्थापना‘‘ Establishment of 413th Yugarishi Vangmay under the Gyan Yagya campaign of Gayatri Gyan Mandir

ऋषि का सद्साहित्य सन्मार्ग में चलने की शक्ति प्रदान करता है’’ : उमानंद शर्मा। The good literature of a sage provides strength to walk on the right path”

गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत ‘‘गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्माक्यूटिकल्स सांइस अयोध्या रोड, लखनऊ’’ के केन्द्रीय पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 413वाँ ऋषि वांड़मय की स्थापना कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार की सक्रीय कार्यकर्त्रा श्री जितेन्द्र सिंह ने अपने पूर्वजों की स्मृति में भेंट किया तथा सभी छात्र-छात्राओं एवं संकाय सदस्यों को (हिन्दी) अखण्ड ज्योति पत्रिका भेंट की।इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि ऋषि का सद्ज्ञान व्यक्ति को सन्मार्ग पर चलाता है‘‘। संस्थान के निदेशक डॉ. करूणा शंकर शुक्ला जी ने ने धन्यवाद ज्ञापन व्यक्त किया।इस अवसर पर उमानंद शर्मा, सर्वश्री, देवेन्द्र सिंह, विजय, जितेन्द्र सिंह एवं संस्थान के निदेशक डॉ. करूणा शंकर शुक्ला, विभागाध्यक्ष डॉ. अमित निगम, डॉ. वंदना सिंह, संकाय सदस्य, अधिकारीगण एवं छात्र-छात्रायें मौजूद थे।

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