प्रेरणा के प्रसंग

UP CM Yogi Adityanath Ji Watching Man Ki Bat

तीन महीने बाद मन की बात कार्यक्रम शुरू हुआ। प्रधानमंत्री Prime minister ने कुछ समय पहले कहा था कि उनके लिए मन की बात कार्यक्रम एक पर्व जैसा बन गया है। मन की बात ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल जैसे है। यह मेरे लिए अध्यात्मिक यात्रा बन गया है। अहम से वयम की यात्रा है। यह तो मैं नहीं, तू ही की संस्कार साधना है।
यह लोगों के हृदय में स्थान बनाने के साथ-साथ जन चेतना को जाग्रत करने का सशक्त माध्यम बना है। अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को इससे प्रेरणा मिली।मन की बात‘‘ से प्रेरणा पाकर बड़ी संख्या में लोग जनहित कार्यों से जुड़े।यह कार्यक्रम एक पक्षीय कार्यक्रम नही है।लाखों लोग कार्यक्रम से जुड़ते हैं। प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम उनके चिन्तनशील विचारों का पुंज है जो आम नागरिकों के लिए मार्गदर्शी संवाद साबित हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसमें समाज और राष्ट्र से जुड़े अनेक विषयों पर संवाद किया। इसमें कृषि Agriculture, पर्यावरण Environment, खेल Game, कुटीर उद्योग cottage industry, बागवानी gardening, योग Yoga,आदि विविध विषय समाहित थे। मन की बात कार्यक्रम अपार सफ़लता के साथ आगे बढ़ा ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ज़न संवाद का विलक्षण स्वरूप दिया है। बहुत बड़ी संख्या में लोग अपने मन की बात प्रधानमंत्री तक प्रेषित करते हैं। इसी के आधार पर वह अपने मन की बात प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने कहा की योग को अपने जीवन में जरूर अपनाएं। इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि भारतीय खिलाड़ी ओलंपिक में मेडल के साथ-साथ लोगों का दिल भी जीतेंगे। लोकसभा चुनाव के दौरान संविधान और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में अपनी अटूट आस्था दोहराने के लिए देशवासियों का आभार व्यक्त किया। आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने तीस जून को आदिवासी समुदाय के त्योहार हुल दिवस का उल्लेख किया। यह दिन वीर सिद्धु-कान्हू के अदम्य साहस से जुड़ा है। वीर सिद्धो कान्हू ने हजारों संथालियों को एकजुट कर 1855 में अंग्रेजों का मुकाबाला किया था। यह प्रथम स्वातंत्र्य संग्राम के दो वर्ष पहले की घटना है। प्रधानमंत्री Prime minister ने इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर शुरू हुए विशेष अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ में भागीदारी आह्वान किया। मानसून की शुरुआत हो रही हैं। इसके दृष्टिगत नरेंद्र मोदी ने छतरी उद्योग कि चर्चा की। केरल बताया कि अट्टापटी में तैयार किए जाने वाले यह खास छाते आदिवासी महिलायें तैयार करती हैं। आंध्र प्रदेश की अराकू कॉफी के बारे बताया जिनकी पूरी दुनिया में बहुत मांग है। पुलवामा के मटर के बारे में बताया जिनकी पहली खेप को हाल ही में लंदन भेजा गया है।
दुनियाभर में भारतीय भाषा, संस्कृति और योग को मिलते आदर व स्नेह का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि कुवैत सरकार ने राष्ट्रीय रेडियो पर हिन्दी में एक खास कार्यक्रम शुरू किया है। इसके लिए उन्होंने स्थानीय सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि तुर्कमेनिस्तान में राष्ट्रीय कवि की जयंती पर चौबीस प्रसिद्ध कवियों की प्रतिमायें लगाई गई हैं। इसमें गुरुदेव रविन्द्रनाथ टेगौर की भी प्रतिमा है। देश कि सांस्कृतिक एकता को मजबूत बनाने वाली यात्राओं का भी उन्होंने उल्लेख किया। जगन्नाथ यात्रा और अमरनाथ यात्रा इसी श्रेणी में आती है। देश विदेश में रहने वाले सनातन आस्था वाले लोग इसमें सहभागी होते हैं।

लेखक :- डॉ दिलीप अग्निहोत्री

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