मुनि श्री महासागर जी के सानिध्य में महा महोत्सव के रूप में मनाया जायेगा आचार्य श्री का 57 वां दीक्षा दिवस
ललितपुर (सम्भव सिंघई) आचार्य श्रेष्ठ समय सागर जी के परम प्रभावक शिष्य पूज्य मुनि श्री महासागर जी का बुद्धवार सुबह शहर के अटा दिगम्बर जैन मंदिर में मंगल प्रवेश हुआ, जहां मुनिश्री ने उपस्थित श्रावको को मंगल देशना के माध्यम से धर्म के मार्ग पर चलने को प्रेरित किया। मुनि श्री को जैन पंचायत ने श्रीफल अर्पित कर चर्तुमास की विनती भी की। गुरूवार को मुनि श्री के सानिध्य में आचार्य परमेष्ठी विद्यासागर जी महामुनिराज का 57 वां दीक्षा दिवस महा महोत्सव मनाया जायेगा।आचार्य परमेष्ठी 108 विद्यासागर जी महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री महासागर जी ने अटा मंदिर जी में धर्मसभा को सम्बोंधित करते हुये कहा कि वे ललितपुर भले ही पहली बार आये है पर यहां के लोगो से भली भाति परिचित है यहां के युवाओ ने कुंडलपुर में बडे बाबा को विराजमान कराने में जो कंधे से कंधा लगा कर सहयोग किया था वह अविस्मरणीय है। मुनि श्री ने धर्म और अधर्म पर प्रकाश डालते हुये बताया कि बुरा होने के पहले हमें कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संकेत अवश्य मिलते है यह हमारे ऊपर है कि हम उनपर कितना ध्यान देते है। मुनिश्री ने कहा कि हनुमान जी के लंका में प्रवेश के बाद मन्दोदरी ने रावण को बहुत समझाया पर रावण ने अहंकार के अभिभूत होकर मंदोदरी का कहना नही माना और अंततः रावण का सर्वनाश हो गया। धर्मसभा में जैन पंचायत के अध्यक्ष डा अक्षय टडैया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतीस नजा, अरविन्द सिंघई, संतोष इमलिया, शैलेन्द्र सिंघई, पूर्व संयोजक जैन पंचायत डा संजीव कंडकी, अभिषेक मुच्छाल, विजय पहलवान, कमलेश सर्राफ, शीलचंद्र अनौरा, मंगू पहलवान सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
महा महोत्सव के रूप में मनाया जायेगा आचार्य श्री का 57 वां दीक्षा दिवस
दिगम्बर जैन पंचायत समिति ने संत शिरोमणि परमपूज्य आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज के 57 वे दीक्षा दिवस समारोह के सम्बंध मे बताया कि गुरूवार 11 जुलाई को सुबह 7 बजे पूज्य मुनिश्री महासागर जी के सानिध्य में भव्यशोभा यात्रा दिगम्बर जैन पार्श्वनाथ अटा जी मंदिर से श्री अभिनन्दनोदय तीर्थ क्षेत्र जायेगी। जहां आचार्य भगवन की संगीतमय पूजन और उसके उपरांत पूज्य मुनि संघ की मंगल देशना सांयकाल मुनिश्री द्वारा जिज्ञासा समाधान व आचार्य भगवनकी संगीतमय महाआरती की जायेगी। पंचायत समिति ने सभी श्रद्धालुओ से अधिक से अधिक संख्या में धार्मिक कार्यक्रम में सहभागिता की अपील की है।
आचार्य श्री के परम प्रभावक शिष्यो में अग्रणी है मुनि श्री महासागर महाराज
आचार्य श्री से दीक्षित मुनि महासागर जी महामुनिराज ने जिनशासन की जो प्रभावना की है वह अद्वितीय है ऐसी जीवंत प्रभावना शायद ही इतने कम समय में अन्य कोई कर सके। मुनि श्री ने एक तरफ एकांत मिथ्यात्व तो दूसरी तरफ कल्पित शासन से जिनवाणी के घोर अवर्णवाद के बीच श्रमण संस्कृति की रक्षा व जिनशासन का डंका बजाया है।