
लावारिश लाश को हम भारत है संस्थान ने दिया सहारा।
समाजसेवी साकिब भारत के नेतृत्व मे हुआ लावारिश शव का “सुपुर्द-ए-खाक” आज दिनांक 25 जुलाई 2024 वाराणसी कोतवाली थाना प्रभारी श्री राजीव कुमार सिंह जी द्वारा सूचना मिली की वाराणसी स्थित कबीर चौरा हॉस्पिटल मे एक लावारिश मुस्लिम डेथ बॉडी है जिसका कफ़न-दफ़न करने के लिए कोई मुस्लिम व्यक्ति य किसी सुमुदाय से आगे आकर ज़िम्मेदारी नहीं ले रहा जिससे डेथ बॉडी की बुरी दुर्दशा हो रही। समजसेवी साकिब भारत से वार्ता के दौरान साकिब भारत जी ने तुरंत संज्ञान मे लेकर थानाध्यक्ष महोदय’ कोतवाली को विश्वाश दिलाया की लावारिश डेथ बॉडी के मिट्टी मुकाम के लिए हम भारत है। संस्थान ने पूरी ज़िम्मेदारी उठा ली है।








समाजसेवी सदस्यों के सहयोग से बेनियाबाग मौदान स्थित ग़ुस्ल व पूरी रश्म कराकर सूरजकुण्ड स्थित कब्रिस्तान पर मिट्टी दी गयी। जिसमे मुख्य रूप से जुड़ें रहे शाहिद खान मुन्ना जी, राशिद खान जी,परवेज़ खान जी,आकिब कमाल,जी लकी जी, सलमान खुर्शीद जी,हाजी तौफ़ीक जी,डब्लू खान जी,अमन कबीर जी, राजीव सिंह जी व आध्यात्मिक गुरु श्री स्वामी ओमा द अक्क गुरु जी आदि के सहयोग से इस कार्य को पूरी ज़िम्मेदारी के साथ अंतिम विदाई देकर रूह के शन्ति के लिए दुआँ हुई।