लखनऊ। खून की एक-एक बूंद कीमती होती है। यह बात उत्तर प्रदेश uttar pradesh वालों से बेहतर कोई नहीं जानता है। यही वजह reason है अपना खून देकर blood donation औरों की जान बचाने में उत्तर प्रदेश के लोगों का पूरे देश में कोई मुकाबला नहीं है।सरकारी आकड़े बताते हैं कि राज्य की 14.61 फीसदी आबादी ने साल 2023 में रक्तदान किया जो सर्वाधिक है।
यूपी के बाद महाराष्ट्र maharashtra दूसरे व गुजरात gujrat तीसरे पायदान पर है। एक आरटीआई कार्यकर्ता विपुल शर्मा के आवेदन के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई रक्तकोष पोर्टल के आंकड़े साझा करते हुए बताया, कोरोना महामारी के बाद देश में हर साल रक्तदान में करीब 50 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।
साल 2021 में 45 लाख यूनिट रक्त एकत्रित हुआ, जो 2022 में बढ़कर 80 लाख यूनिट तक पहुंच गया।वहीं, 2023 में देश के तीन हजार से ज्यादा ब्लड बैंकों blood bank पहली बार 1.29 करोड़ यूनिट रक्त इकट्ठा हुआ।
इनमें सबसे ज्यादा 18.11 लाख यूनिट रक्तदान उत्तर प्रदेश के 400 से ज्यादा ब्लड बैंकों में किया गया। इसके बाद महाराष्ट्र में 15.20 लाख और गुजरात में 10.51 लाख यूनिट रक्त जमा हुआ। अमेरिकन रेड क्रॉस सोसायटी के मुताबिक, एक महिला के शरीर में 4.3 लीटर और पुरुष में औसत 5.7 लीटर रक्त होता है। हर दिन एक स्वस्थ व्यक्ति 400 से 2,000 मिलीलीटर रक्त उत्पादित करता है।
एक बार में एक व्यक्ति करीब आधा लीटर तक रक्तदान कर सकता है। सरकार ने आरटीआई में जानकारी दी है कि कोविड-19 महामारी से पहले साल 2018 में देश में 124 ब्लड बैंक ई रक्तकोष पोर्टल पर पंजीकृत थे।
इनमें पूरे साल में 35 लाख यूनिट रक्त एकत्र हुआ था। 2019 में रक्तदान बढ़कर 43 लाख यूनिट पहुंच गया। हालांकि, 2020 में कोरोना की पहली लहर के दौरान इसमें गिरावट आई और 40 लाख यूनिट रक्त ही जमा हुआ।