नहीं मिला जननी सुरक्षा का लाभ, जिम्मेदार लगा रहे शासन की मंशा पर पलीता

बजट होने के बाद भी आठ सौ निन्यांबे प्रसूताओं को नहीं मिला जननी सुरक्षा का लाभ जिम्मेदार ही लगा रहे शासन की मंशा पर पलीता।

जनहित जागरण ब्यूरो चीफ चन्द्रकान्त पाण्डेय

बस्ती। आपको बताते चलें कि एक तरफ सरकार जन कल्याणकारी योजनाओं को आम जनमानस तक पहुंचा कर गांव से लेकर पूरे देश में विकास परियोजनाओं का संचालन कर रही है तो वहीं कुछ गैर ज़िम्मेदार अधिकारियों द्वारा सरकार कि छवि धूमिल करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

आपको बताते चलें कि जिले में जननी सुरक्षा योजना का लाभ आठ सौ निन्यांबे प्रसूताओं को नहीं मिला पा रहा है आश्चर्य कि बात तो यह है कि बजट होने के बावजूद योजना का लाभ पाने के लिए प्रसूताओं को संबंधित विभाग का चक्कर लगा रही हैं और जिम्मेदार हैं कि मूक दर्शक बने बैठे हैं।

आपको बता दें वित्तीय वर्ष 2023-24 में जननी सुरक्षा योजना के लिए सरकार ने चार करोड़ अड़तालिस लाख रूपए का बजट आवंटित किया है मगर पांच माह बीत जाने के बाद भी अबतक सिर्फ एक करोड़ सैतिस लाख इक्यानबे हजार चार सौ रुपए का ही भुगतान किया गया है।

जबकि अबतक दस हजार सात सौ पच्चास प्रशूताओं को लाभ दिया जाना था जिसमें अभी तक सिर्फ नौ हजार आठ सौ इक्यावन को ही लाभवान्नित किया गया है जबकि करीब नौ सौ प्रशुताएं आए दिन जिम्मेदारों के कार्यालय का चक्कर लगा रही हैं।

आपको बताते चलें कि जनपद के सीएचसी,पीएचसी,जिला चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज से संबद्ध ओपेक हास्पिटल कैली में प्रसव होता है इसके अतिरिक्त एएनएम सेन्टर पर भी प्रसव कराया जाता है।

आपको बता दें कि प्रसव के उपरान्त प्रसूता के खाते में एक हजार चार सौ रुपए एक मुश्त प्रोत्साहन राशि भेजी जाती है लेकिन नौ सौ प्रशूताएं जिम्मेदारों के चक्कर लगाकर थक रही हैं और सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना से हैं अभी तक वंचित हैं।

आए दिन महिलाएं अस्पताल पहुंच रही हैं और बता रही हैं कि मार्च अप्रैल और मई महीने तक का रूपया अभी तक नहीं है और कई प्रसुताओं का रूपया तो दो वर्षों से फंसा हुआ है।

जबकी भुगतान के लिए अधिकारी संबंधित कर्मियों पर लगातार दबाव बना रहे हैं किन्तु उनके कर्मचारी ही उनकी नहीं सुन रहे जिससे प्रसुताओं को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जबकि पीड़ित प्रशूताएं जिला अस्पताल से लेकर पीएचसी व एएनएम सेंटर का चक्कर लगा रही हैं।

इस सम्बन्ध में जब मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर आर०एस० दूबे से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि भुगतान के लिए संबंधित जिम्मेदारों को निर्देशित किया गया है और हमारा प्रयास यही है कि सभी पात्र प्रसुताओं का जल्द ही भुगतान हो जाए।

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