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सृष्टि के सार है भगवान कृष्ण चंद्र बालकृष्ण दास
संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा का दूसरा दिन
ब्यूरो- जितेंद्र कुमार सुल्तानपुर
लंभुआ सुल्तानपुर। सृष्टि का सार भगवान कृष्ण चंद्र है, वे परम सत्य हैं, सच्चिदानंद स्वरूप हैं। यह शरीर और संसार उनकी माया का कार्य है। उक्त उद्गार लंभुआ क्षेत्र के भदैया गांव में चल रही संगीतमई श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन ब्रज विभूति श्री 108 विनोद बिहारी दास जी महाराज के कृपाश्रित शिष्य बालकृष्ण दास जी ने कही।
कथा क्रम को आगे बढ़ाते हुए भागवताचार्य पंडित बालकृष्ण दास ने कहा की अनंतकोटि जीव भगवान की जीव शक्ति का अंश है। जब हम उन्हीं के अंश हैं तो हमारा कर्तव्य है कि उन्हें जानकर उनमें स्थित हो जाए और उनको प्राप्त कर ले। भगवान से हमारा जो संबंध है उनका स्मरण कर उनके चरण कमल को प्राप्त कर लें।कथा के बीच में वृंदावन से आए कलाकारों द्वारा भव्य झांकी भी निकल गई।
मुख्य यजमान बृजमोहन मिश्रा व सुभद्रा मिश्रा ने भागवत भगवान की आरती की। इस मौके पर दुर्गेश मिश्रा, देवेंद्र मिश्रा ,किशन,गोपाल मिश्रा ,अमरेज सिंह समेत बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद रहे।