डेंगू से निपटने को स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

सीएमओ और सीएमएस ने मेडिकल कॉलेज के डेंगू वार्ड का लिया जायजा

चिकित्साधिकारियों के साथ बैठक कर डेंगू से निपटने को दिया निर्देश

आशीष बरनवाल। जनहित जागरण

देवरिया। डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। मेडिकल कालेज सहित सभी सीएचसी पर मच्छरदानी सहित डेंगू वार्ड तैयार हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम टीम बनाकर विभिन्न वार्डों में जाकर लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक किया जा रहा है। सोमवार को सीएमओ डॉ राजेश झा ने सीएमएस डॉ एचके मिश्रा और डीएमओ सीपी मिश्रा के साथ मेडिकल कालेज में बने डेंगू वार्ड का निरीक्षण कर डेंगू की तैयारियों का जायजा लिया। साथ ही सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों और सीएचओ के साथ वर्चुअल बैठक कर डेंगू से बचाव के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिया।
सीएमओ डॉ राजेश झा ने बताया महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज सम्बद्ध जिला चिकित्सालय में मच्छरदानी सहित वर्तमान में 20 बेड और सभी सीएचसी पर पांच बेड का वार्ड तैयार करने का निर्देश दिया गया है। सीएमओ ने बताया कि मेडिकल कालेज सहित सभी सीएचसी, पीएचसी और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर दवाओं के साथ डेंगू की जांच कीट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसके अलावा नगर और ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से आशा कार्यकर्ताओं की टीम बनाई गई है, जो जुलाई से नवंबर तक क्षेत्र में लोगों के घर-घर जाकर उन्हें डेंगू के प्रति जागरूक कर रहे हैं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के वार्डों में एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव कराया जा रहा है। रैपिड रिस्पांस टीम टीम का गठन किया गया है, जो डेंगू के केस मिलने पर तत्काल मरीज के घर पहुंचकर घर के सभी सदस्यों की जांच करेगी। सीएमओ ने बताया कि तेज बुखार के साथ तेज सिर दर्द, मांसपेशियों, जोडों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, शरीर पर लाल चकते होना, गंभीर अवस्था में नाक, मसूडों से खून आना डेंगू बुखार के लक्षण हैं। बुखार के दौरान मरीज को लगातार अधिक से अधिक पानी, फल का जूस, चावल का पानी, ओआरएस का घोल लेना चाहिए।

डेंगू से बचाव के उपाय
मच्छर से बचने के लिए फुल आस्तीन के कपडे पहने, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, सोते समय मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती, रैपिलेंट आदि का उपयोग करें। घर के आस-पास गड्ढों में पानी जमा न होने दें, यदि पानी की निकासी संभव न हो तो जला हुआ ऑइल अथवा मिट्टी का तेल डाल दें, घर में पानी से भरे हुए वर्तन टंकी, मटका, बाल्टी आदि को अच्छी तरह ढंक कर रखें।घर के अंदर रखे कूलर, टंकी, मटका, बाल्टी आदि का पानी तीन से चार दिन में बदलते रहे तथा सुखा कर ही दुबारा भरे, पानी में छोटे-छोटे कीड़े (लार्वा) दिखाई दे तो सूखी जगह पर पानी को फैला दें। परिवार के किसी व्यक्ति को डेंगू बुखार आता है तो उसे आवश्यक रूप से मच्छरदानी में ही सुलाएं, अन्यथा घर के अन्य सदस्य को डेंगू का संक्रमण हो सकता है।

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