जगदीशपुर, अमेठी। हर वर्ष की भांति वर्ष भी शारदीय नवरात्रि के समापन के एक दिन बाद विजय दशमी का पर्व मनाया जाता है। कहा जाता है कि श्री भगवान श्री राम ने माता सीता को लंका पति रावण के चुंगल से छुड़ाने के लिए लंका पर आक्रमण किया तो घमासान युद्ध हुआ।इस युद्ध में सिर्फ रावण के भाई और पुत्र की मृत्यु हुई। युद्ध के आखिर में जब रावण खुद युद्ध के लिए उतरा तो अश्रि्वनी माह के शुक्ल पक्ष की दशवी तिथि भगवान राम ने रावण का वध कर दिया।इस वजह से हर साल विजय दशमी पर्व मनाया जाता है।ये दिन बुराई पर अच्छाई पर विजय का दिन होता है। इसी वजह से सदियो बाद आज भी लोग जगह जगह रावण का पुतला बनाकर कर जलाते हैं। दशहरे का त्योहार हमें ये एहसास दिलाता है।कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली हो उसका अन्त निश्चित है। राम लीला मैदान पर बीते दिन शानिवार दशहरे के मेले में राम ,रावण का युद्ध हुआ। युद्ध देखने के लिए काफी मेले में भीड़ नजर आई।इस मेले में दूर दराज से लोग आते। रावण को जलता देख बड़े बूढ़े, महिलाएं बच्चे भी खूब आनंद लेते हुए झूला झूलते हैं वहीं रात्रि में रंगमंच पर रावण वध युद्ध का दृश्य दिखाया गया।इसी क्रम में राम हेत वैश्य ,और पवन मोबाईल से सेन्टर के द्वारा वाटर कूलर व मोबाइल सभी कलाकारों को पुरस्कार प्रदान करते हुए उत्साह वर्धन किया। इस अवसर पर मेले में रामलीला समिति के अध्यक्ष प्रदीप सिंह व सभी पदाधिकारी, कलाकार,और भक्त गण के साथ पुलिस बल के रहे मौजूद।
संवाददाता सुनील कुमार