उत्तर प्रदेश की सियासत आजकल लगातार हिचकोले ले रही है। विपक्ष तो बीजेपी के अंतर्कलह का मजा ले ही रहा है. संघ और बीजेपी के नेताओं में भी मतभेद बढ़ता जा रहा है.इसी बीच संघ और यूपी बीजेपी की दो दिवसीय बैठक जो आज यानी कि 20 जुलाई से शुरू होने वाली थी,उसके ऐन वक्त पर स्थगित होने से माहौल और भी ज्यादा गरमा गया है। बैठक क्यों स्थगित की गई कोई नहीं बता रहा है. ज्यादा कुरेदने पर बस इतना ही कहा जाता है कि अज्ञात कारणों से बैठक को स्थगित किया गया है।बीजेपी और संघ के नेता असली वजह छुपा रहे हैं, लेकिन बैठक स्थापित होने की जो कुछ मुख्य वजह सामने आई हैं,उसके अनुसार इस समय सीएम योगी और केशव प्रसाद मौर्य की सियासी लड़ाई चल रही है, ऐसे में संघ यह नहीं दिखाना चाहता कि उसकी वजह से यह मामला ठंडा पड़ा। इसी कड़ी में आरएसएस यह भी नहीं चाहता कि उसका इस समय बैठक करने से ऐसा लगे कि योगी-मौर्य वाला मामला सही में काफी बड़ा बन चुका है। इसके ऊपर एक कारण यह भी समझ आ रहा है कि इस बैठक की खबर मीडिया में लीक हो गई थी। इस बैठक को इतना गोपनीय रखा गया था कि मीडिया तक को यह भनक नहीं होने दी गई थी की लखनऊ में यह बैठक कहां हो रही है।
बता दें कि इस बैठक में बीजेपी की तरफ से सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और कुछ दूसरे पदाधिकारी मौजूद रहने वाले थे। लेकिन ऐन वक्त पर उसी बैठक को स्थगित करने का फैसला हुआ है। अभी तक बीजेपी ने कोई प्रतिक्रिया अपनी तरफ से नहीं दी है। वैसे इससे पहले सीएम योगी और मोहन भागवत के बीच में एक अहम मुलाकात हो चुकी है। वो बैठक भी लोकसभा चुनाव में यूपी में मिली करारी हार के बाद हुई थी। इस बार की बैठक संघ के सरकार्यवाह अरुण कुमार द्वारा बुलाई गई थी। यूपी बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ मंथन होना था, कैसे पार्टी को राज्य में मजबूत किया जाए, इसका रोडमैप भी तैयार होना था। वैसे बीजेपी के लिए भी यह बैठक जरूरी इसलिए भी थी क्योंकि संघ के ही कुछ नेताओं की तरफ से ऐसे बयान आ चुके हैं जिन्हें पीएम मोदी से लेकर बीजेपी के खिलाफ माना जा रहा था, डैमेज कंट्रोल करने के लिहाज से भी इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा था।